नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ माथे पे चन्द्र सोहे अंगो पे विभूति लगाये एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥ नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥ पुत्र https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa
Shiv Chaisa Secrets
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